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Continueभोला जवान तो हो चुका था, मगर यह नहीं जानता था कि जवानी क्या होती है, क्योंकि बचपन भोला का पीछा ही नहीं छोड़ रहा था। वह मर्द होकर भी नामर्द था।
परेशान बाप और चाचा भोला की शादी करने की कई बार कोशिश कर चुके थे मगर जिस तलवार में धार न हो उसका खरीदार भी बड़ी मुश्किल से मिलता है, और आखिरकार भोला से शादी करने के लिये सपना मिल ही गई। सपना को भोला से प्यार हो गया और सपना ने ठान लिया के वह इस ना-मर्द को मर्द बना कर ही छोड़ेंगी।
फिर क्या हुआ-
सपना ने भोला को कैसे मर्द बनाया?
सपना भोला को नामर्द से मर्द बनाने में नाकाम हुई या कामयाद?
यह सब जानने के लिये देखीये- पाली फिल्मस् और कान्ति शाह की “एक ना-मर्द”!
(From the official press booklet)